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GURUKUL KHURAI 2022-23

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Some Dedicated Memories to our school S.P. JAIN GURUKUL HIGHER SECONDARY SCHOOL  Roots of  Gurukul STEAM of GURUKUL 12TH    MATH    MATHEMATICIANS  12TH   BIOLOGY DOCTORS 12TH   COMMERCE ENTREPRENEURS 12TH   ARTS   ARTISTS 12TH   AGRICULTURE   AGRICULTUREIST                                Waiting for picture  Pleas...

Social media Debate

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Vese to ye mene debate ke liye taiyar ki thi ,par vo debate cancel ho gayi so finally i took decision to post this one... the social media debate  I hope you will show your love in comment box...... नारा...      सोशल सोशल करते हो.                  क्या सोशल ही पर मरना है                 सो शल को तुम छोड़ दो                                  यदि ख़्वाब मुकंबल करना है.                  नमस्ते               TO KASE HAI आप लोग             Socal Media ये एक ऐसा झमेला है जो आपके दो इंद्रियों पर कब्जा किये रहता है, यू तो यह एक अपने संदेशो और विचारों के आदान प्रदान करने का माध्यम है किंतु ये सब तो बाते है, वास्तविकता कुछ और ही है, कि यह ऐसा Platform है वहाँ उद्देश्य User का Tim...

VIJAY INDUSTRIES VISIT

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Khurai (Sagar) तहसील में ऐसे कुछ होना बहुत बड़ी बात हैं। S.P.Jain Gurukul के छात्रावास से तैयार हो कर जब मैं अनजाने,बेखबर  स्कूल मे जा पहुँचा, तो वहाँ पर साधारण दिन की कल्पना के किये बैठा था, परंतु हमारे कक्षा शिक्षक अरविन्द कुर्मी सर ने कक्षा में आकर बोला कि क्या "तुम ये सभी कही घुमने जा के लिए जाना चाहोगे"।  सभी जोर से बोले Yess Sir" | चूकि उस दिन बच्चे तो बहुत कम आए थे और girls ना के बराबर है, पर मेरी class मे कुल 19 हीं तो बच्चे है, जिसमे से 5 girls है #कहानी से फिर भटक गया !!!" तो हम लोगों को बताया गया, कि हम MATH और AGRICULTURE के Total 40 student घूमने जा रहे है , सौन्दर्य पूर्व भाषा और High Class Standard के अनुसार Educational tour |  इसलिए हम सभी School ki  Building सामने कतारों में खड़े ,सभी के हाथ में COPY PEN को थामे बहुत एक्साइटेड थे, कतारों के समय पता चला कि ये Tour हमारे ही खुरई शहर की जानी मानी Agriculture Industry कि ओर जा रही है । मैं भी hu iss me but thoda पीछे बैठा hu   रास्ते में , मैं फैक्टरी के नाम...

मेरा पहला नाटक : नुक्कड़ नाटक

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यूं तो मेरा वास्ता नाटक और साहित्य की गतिविधियों से दूर रहता था पर उस दिन की तो बात निराली ही है | यूं तो विद्यालय में आए व्यवस्थित समय ना हुआ था | पर फिर भी  उस आठवीं के बाद से मुझे नाटक के लिए चुना जाना , मेरे लिए बड़ी बात थी  | कहलाने के लिए तो संगीत विभाग का था , पर विद्यालय के नाटकों के दौर में यह मेरा पहला कदम था | मैं अपनी सीट से उठा और सुनील सर के समूह के साथ उनकी ही चाल में चल पड़ा विद्यालय के संगीत कक्ष के बगल वाले कक्ष में विद्यालय के संगीत के बाजू वाले कक्ष में सुनील सर ने स्क्रिप्ट सुनाई जो कि धूम्रपान नशे का निषेध करने के लिए जागरूक करता था सुनील ji ne किरदारों का बंटवारा किया और सभी ने अपने अपने डायलॉग लिख लिए | gaye.                                  अब की तैयारी की बारी और तैयारी के लिए कैंटीन के ऊपर स्थान को चुना गया जहां पर काम अभी भी चल रहा था कहने के लिए तो यह एक्टिंग का प्रैक्टिस रूम बन चुका था, पर यहां पर रखे औजारों को एक और कर दिया गया | धीरे धीरे करके 1 -1 scene जोड़ जो...

Jo guzar raha vo samay

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समय की परिभाषा : " हमारे जीवन में  एक घटना से ले कर दूसरी घटना के बीच का अन्तराल समय कहलाता है "   आग का गुण हैं जलाना  धरती का गुण हैं बतान बसाना  जल का गुण हैं निर्मल करना !! और समय हर एक चीज के सापेक्ष हैं इसकी गणना का अनूठा चमत्कार हैं घड़ी  ! परंतु समय को एक मात्र ही घड़ी मान लिया जाता हैं , हमारे द्वारा घटी घटनाओं का अंतराल ही समय के रूप में विद्यमान हैं इस  प्रकार के समय की परिभाषा किन्ही दो प्रमुख घटनाओं के अंतराल को समय कहते है ।।  परंतु जिस अज्ञात परम सत्ता के अधीन समय  है उसे ही ईश्वर की उपाधि प्रदान की गई हैं ! शायद यही विश्वास की लीला हैं , अगर विधाता का यही स्वरूप हैं ईश्वर के सहायक तत्व हैं ,जी क्योंकि उसे ज्ञात और परम तत्व और ईश्वरीय  स्वरों में बांधे हुए हैं ,अज्ञात हैं ,अन्यथा हमारे समक्ष विद्यमान हैं ,किंतु हमारी पंच इंद्रिय शक्तियों में वह काबिलियत नहीं है कि ,हम उस ईश्वर के  परम तत्व अज्ञात तत्वों को जान सके  । मेरे सूत्र से यदि  हम इस संबंध में पुष्टि की है तो तब उसकी गणना करना ,हमें सीमाओं में ब...

हारना नहीं है तुझको !!!

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 कदम चला कुछ तेज़ चला  कदम चला।कुछ तेज चला,  राह बड़ा मैदान खड़ा अगर यही तू रहा पड़ा कैसे हो सूर्योदय नया कदम चला कुछ तेज चला। परिवार बंधनों की बेड़ी  कुछ हद तक तो तुझे रोकेगी अपरिभाषित पथ की ओर कुछ मर्यादाएं टोकेगी पर कदम चला कुछ तेज चला। तू ने एक देह में रूप गड़ा कुछ सार्थक कर इस आकृति को कुछ वृद्धि कर अपने सिर को कुछ तप जलकर कंचन बन जा अरे कदम बढ़ा कुछ तेज चला यह राह अधूरी, मृत शय्या पल घड़ी पल गुजरी कड़ियाँ जो छोड़ चला तू आज यहीं वह मंजिल फिर कहीं और नहीं कदम चला कुछ तेज चला राह बड़ा मैदान पड़ा। MADE BY SANDESH SARAF  CLASS:12th MATH DATE:11/09/2022 DAY: SUNDAY TIME:MORNING PLACE:GURUKUL SCHOOL KHURAI ROOM CLASS 6th ,SAGAR,MADHYA PRADESH,INDIA.

Hello world

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Show encrypted text how Hello world Everything is important for me .....