हारना नहीं है तुझको !!!
कदम चला कुछ तेज़ चला
कदम चला।कुछ तेज चला,
राह बड़ा मैदान खड़ा
अगर यही तू रहा पड़ा
कैसे हो सूर्योदय नया
कदम चला कुछ तेज चला।
परिवार बंधनों की बेड़ी
कुछ हद तक तो तुझे रोकेगी
अपरिभाषित पथ की ओर
कुछ मर्यादाएं टोकेगी
पर कदम चला कुछ तेज चला।
तू ने एक देह में रूप गड़ा
कुछ सार्थक कर इस आकृति को
कुछ वृद्धि कर अपने सिर को
कुछ तप जलकर कंचन बन जा
अरे कदम बढ़ा कुछ तेज चला
यह राह अधूरी, मृत शय्या
पल घड़ी पल गुजरी कड़ियाँ
जो छोड़ चला तू आज यहीं
वह मंजिल फिर कहीं और नहीं
कदम चला कुछ तेज चला राह बड़ा मैदान पड़ा।
MADE BY SANDESH SARAF
CLASS:12th MATH
DATE:11/09/2022
DAY: SUNDAY
TIME:MORNING
PLACE:GURUKUL SCHOOL KHURAI ROOM CLASS 6th ,SAGAR,MADHYA PRADESH,INDIA.
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