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VIJAY INDUSTRIES VISIT

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Khurai (Sagar) तहसील में ऐसे कुछ होना बहुत बड़ी बात हैं। S.P.Jain Gurukul के छात्रावास से तैयार हो कर जब मैं अनजाने,बेखबर  स्कूल मे जा पहुँचा, तो वहाँ पर साधारण दिन की कल्पना के किये बैठा था, परंतु हमारे कक्षा शिक्षक अरविन्द कुर्मी सर ने कक्षा में आकर बोला कि क्या "तुम ये सभी कही घुमने जा के लिए जाना चाहोगे"।  सभी जोर से बोले Yess Sir" | चूकि उस दिन बच्चे तो बहुत कम आए थे और girls ना के बराबर है, पर मेरी class मे कुल 19 हीं तो बच्चे है, जिसमे से 5 girls है #कहानी से फिर भटक गया !!!" तो हम लोगों को बताया गया, कि हम MATH और AGRICULTURE के Total 40 student घूमने जा रहे है , सौन्दर्य पूर्व भाषा और High Class Standard के अनुसार Educational tour |  इसलिए हम सभी School ki  Building सामने कतारों में खड़े ,सभी के हाथ में COPY PEN को थामे बहुत एक्साइटेड थे, कतारों के समय पता चला कि ये Tour हमारे ही खुरई शहर की जानी मानी Agriculture Industry कि ओर जा रही है । मैं भी hu iss me but thoda पीछे बैठा hu   रास्ते में , मैं फैक्टरी के नाम...

मेरा पहला नाटक : नुक्कड़ नाटक

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यूं तो मेरा वास्ता नाटक और साहित्य की गतिविधियों से दूर रहता था पर उस दिन की तो बात निराली ही है | यूं तो विद्यालय में आए व्यवस्थित समय ना हुआ था | पर फिर भी  उस आठवीं के बाद से मुझे नाटक के लिए चुना जाना , मेरे लिए बड़ी बात थी  | कहलाने के लिए तो संगीत विभाग का था , पर विद्यालय के नाटकों के दौर में यह मेरा पहला कदम था | मैं अपनी सीट से उठा और सुनील सर के समूह के साथ उनकी ही चाल में चल पड़ा विद्यालय के संगीत कक्ष के बगल वाले कक्ष में विद्यालय के संगीत के बाजू वाले कक्ष में सुनील सर ने स्क्रिप्ट सुनाई जो कि धूम्रपान नशे का निषेध करने के लिए जागरूक करता था सुनील ji ne किरदारों का बंटवारा किया और सभी ने अपने अपने डायलॉग लिख लिए | gaye.                                  अब की तैयारी की बारी और तैयारी के लिए कैंटीन के ऊपर स्थान को चुना गया जहां पर काम अभी भी चल रहा था कहने के लिए तो यह एक्टिंग का प्रैक्टिस रूम बन चुका था, पर यहां पर रखे औजारों को एक और कर दिया गया | धीरे धीरे करके 1 -1 scene जोड़ जो...

Jo guzar raha vo samay

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समय की परिभाषा : " हमारे जीवन में  एक घटना से ले कर दूसरी घटना के बीच का अन्तराल समय कहलाता है "   आग का गुण हैं जलाना  धरती का गुण हैं बतान बसाना  जल का गुण हैं निर्मल करना !! और समय हर एक चीज के सापेक्ष हैं इसकी गणना का अनूठा चमत्कार हैं घड़ी  ! परंतु समय को एक मात्र ही घड़ी मान लिया जाता हैं , हमारे द्वारा घटी घटनाओं का अंतराल ही समय के रूप में विद्यमान हैं इस  प्रकार के समय की परिभाषा किन्ही दो प्रमुख घटनाओं के अंतराल को समय कहते है ।।  परंतु जिस अज्ञात परम सत्ता के अधीन समय  है उसे ही ईश्वर की उपाधि प्रदान की गई हैं ! शायद यही विश्वास की लीला हैं , अगर विधाता का यही स्वरूप हैं ईश्वर के सहायक तत्व हैं ,जी क्योंकि उसे ज्ञात और परम तत्व और ईश्वरीय  स्वरों में बांधे हुए हैं ,अज्ञात हैं ,अन्यथा हमारे समक्ष विद्यमान हैं ,किंतु हमारी पंच इंद्रिय शक्तियों में वह काबिलियत नहीं है कि ,हम उस ईश्वर के  परम तत्व अज्ञात तत्वों को जान सके  । मेरे सूत्र से यदि  हम इस संबंध में पुष्टि की है तो तब उसकी गणना करना ,हमें सीमाओं में ब...

हारना नहीं है तुझको !!!

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 कदम चला कुछ तेज़ चला  कदम चला।कुछ तेज चला,  राह बड़ा मैदान खड़ा अगर यही तू रहा पड़ा कैसे हो सूर्योदय नया कदम चला कुछ तेज चला। परिवार बंधनों की बेड़ी  कुछ हद तक तो तुझे रोकेगी अपरिभाषित पथ की ओर कुछ मर्यादाएं टोकेगी पर कदम चला कुछ तेज चला। तू ने एक देह में रूप गड़ा कुछ सार्थक कर इस आकृति को कुछ वृद्धि कर अपने सिर को कुछ तप जलकर कंचन बन जा अरे कदम बढ़ा कुछ तेज चला यह राह अधूरी, मृत शय्या पल घड़ी पल गुजरी कड़ियाँ जो छोड़ चला तू आज यहीं वह मंजिल फिर कहीं और नहीं कदम चला कुछ तेज चला राह बड़ा मैदान पड़ा। MADE BY SANDESH SARAF  CLASS:12th MATH DATE:11/09/2022 DAY: SUNDAY TIME:MORNING PLACE:GURUKUL SCHOOL KHURAI ROOM CLASS 6th ,SAGAR,MADHYA PRADESH,INDIA.

Hello world

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Show encrypted text how Hello world Everything is important for me .....

My Dadi

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         This is story about my Dadi MyDadi name is " Kamla Devi bai " . I think so, she was very perfect for every occasion or invironment ,expert to talk anyone and very informative about relationship family. She was an idel lady, her birth place is "Madawara, Uttar Pradesh" but she married to "Phool Chandra jain" in " mavai , Madhya Pradesh" , this change of her life show us that she was very strong cause she married to a guy who was more older then him about "5 year older"and amazing point is they didn't know eachother properly. I remember my old house which is situated in "mavai" village . Our home is too big and my mom told me she used to clean it every day . My grandmother's routine was very simple but too difficult to apply. She was very devotional woman cause she daily went to temple which was located near her home spent half hour or a hour .   

प्रयोजन

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  नेत्र है पर सूरदास देख पाते हैं नहीं, मोह या सम्मोहनो के बीच फस जाते कहीं। सत्य और असत्य की रेखा बनी है नीतियों में, क्या ग्रहण क्या प्रति ग्रहण करता तू अपने अनुभवों में, देकर से करता अप्रयोजित कर्म पथ के , नष्ट कर सकती तुझे यह कर्म धर्म और भावनाएं, जैसे मध्य जल भवन में डूब जाती है जहाजे, नेत्र हैं पर.............. Writing time-13/02/2021    10:12AM Place-khurai gurukul. Written by Gamer Sandesh