Raghuvar hai naam tumhara
पतिततो का एक सहारा रघुवर है नाम तुम्हारा गज गीध अजामिल शबरी अति अधम कुंवरी अगणित हैं गणिका जैसे नाम ने सभी को तारा पतिततो का एक सहारा............ महिमा गणेश जी गाते ही प्रथम पूज्य हो जाते पानी पर पत्थर तैरे था केवल नाम सहारा पतिततो का एक सहारा............ उल्टा जपते ही जपते मनी ब्रह्मा दशरथ सामान हुए थे प्रहलाद भक्त धुव जीने दोनों लोक को संवारा पतिततो का एक सहारा............ यह दीप अखंड सजाओ रागी दर्शन पा जाओ कलयुग छाया अंधियारा है राम नाम उजियारा पतिततो का एक सहारा............ राग : माँढ Source : Varun Vyas sir Varun Vyas sir KEEP READING 😉