GURUKUL BHOPAL TOUR : 2022 DEC
Please Read carefully
Note: this post is not fully completed , but based on my experience.
।मैंने अतुल भाई साहब के पैर पड़े (जो कि हमारे हॉस्टल की व्यवस्थापक थे) ,और अपनी की शुरुआत बस में आगे की सीट पर आसन ग्रहण करके की । बस में जाती हुए , जैसे ही मैंने पीछे देखा तो सभी सज धज के सफर की आए थे (मेरे सभी गुरुकुल के दोस्त ) (मयंक ,दीपक ,मनीष ,अर्जित ,पर्व जैन,निशांत ETC ) । यह शायद पहली बार ही था जब मैं सभी दोस्तों को रंगीन कपड़ों में देखा था वरना रोज-रोज वही स्कूल की ड्रेस । गुरुकुल के प्रांगण से 'दो बस और एक वेन " तैयार थी प्रत्येक लम्हे को जीने के लिए , सब कुछ निश्चित हो जाने के बाद सभी ने पारसनाथ भगवान का जयकारा लगाया और यात्रा शुरू हो गई ।
(अब सोचता हूं तो लगता है कि उन सभी के बिना की यात्रा यादगार न हो पाती . )
रास्ते में चलते-चलते मैं अपनी ख्यालों की दुनिया में खो सा गया और सोचने लगा अपने अर्धवार्षिक परीक्षा परिणाम के बारे में , इस उलझन में पढ़ने से पहले ही 'देवी सर' ने अपना *ब्लूटूथ साउंड सिस्टम निकाला पर सीधा गाना बजने लगे उसे गाने का #craze इतना हो गया की लड़कों ने चिल्लाना और नाचना भी शुरू कर दिया । रास्ते से गुजरती बस में आसपास के लोगों की नजर पड़ती तो ऐसा लगता मानो वह भी इस मस्ती में जुड़ना (झूमना )चाहते हो । कुछ तो कुछ दूरी तय ही की थी की 'ओंकार सर' का एक व्यक्ति तिराहे पर थैला के साथ इंतजार में खड़ा था जो हम वहां पहुंचे उन हाथों ने थैली को अंदर पकड़वा दिया और ओंकार सर और देवी सर ने @farrrrrrr से @न्यूज़पेपर @फाड़ा और उसमें गरमा गरम भजिया रखकर ,हरी धनिया की तेज चटपटी चटनी रख दी और यह चटपटे कुरकुरे पिटारे कागज में ही हाथ हाथ यात्रा करके कुछ ही देर में हजम होने के लिए बट गए । खाते-खाते पता चला कि , यह ओंकार सर की रसोई का एक मामूली पकवान है (मन मे ही अगर यह इतना स्वादिष्ट है तो फिर .........)
फासला थोड़ा और तय किया तो ठंडा अमरुद पर लाल मिर्च और नमक ka फल हमारी ओर चला आया ,हम उसको हजम करके और जोश से नाचते, गाते ,हंसते, चिल्लाते और उत्सुक हो गए.
leave me your valuable comment!!!!
टिप्पणियाँ