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Khurai Bhajan

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वन्दो बारम्बार खुरई के पारसनाथ भगवान  करुणासागर है हां.............गुण के निधान जयपुर के एक शिल्पकार ने प्रभुजी की मूर्ति बनाई  रखी बैलगाड़ी पर घूमती खुरई नगर में आई । श्री मोहन लाल सवाई सिधाई को मूर्ति अति मन भाई  वीतराग मुद्रा लख उनकी माताश्री हरषाई  छाई मूरत पर देखो मुस्कान........ लेने को तैयार सभी थे सूरत इतनी सुन्दर फौरन यह पुछवाया क्या होगी इसकी न्यौछावर चारों ओर से लगी बोलियाँ निकला कोई न सार  शिल्पी हुआ तैयार करने को प्रस्तान ..... होता नही यकीन किसी को बात ब विस्मय की  शिल्पी मरे बैल मगर गाड़ी आगे न बढ़ती लोग सैकडो हुए इकट्ठे सबने जोर लगा  पहिया फिर भी नहीं घूमता कैसी प्रभु की माया छाया संकट पड़ा है अनजान ........... शिल्पी ने भी मान लिया अब प्रभु नही जाने वाले खुरई नगर को तारेगे वो जग तारने वाले  मूर्ति खरीदी किया समन शिल्पी सम्मान Thank you GURUKUL GEET from my Diary year 2019 I was in class 9th. Ek baar arun bhaisahab bata rahe the ki ye gurukul geet gurukul ke nirman ka ullekh krta hai or seth ji ko ye geet bahut pasand aaya tha. Please...

Patito ka ek sahara

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पतिततो का एक सहारा रघुवर है नाम तुम्हारा  गज गीध अजामिल शबरी अति अधम कुंवरी अगणित हैं गणिका जैसे नाम ने सभी को तारा महिमा गणेश जी गाते ही प्रथम पूज्य हो जाते  पानी पर पत्थर तैरे था केवल नाम सहारा उल्टा जपते ही जपते मनी ब्रह्मा दशरथ सामान हुए थे  प्रहलाद भक्त धुव जीने दोनों लोक को संवारा  यह दीप अखंड सजाओ रागी दर्शन पा जाओ  कलयुग छाया अंधियारा है राम नाम उजियारा राग : माँढ Once and day I was just running my pages of music diary and I got founded this song which was given by Varun Vyas sir at music class. Then I come to know this music related to the Gurukul music classes where I learned raagas and understand the complexity of the music.  Varun sar ne bataya tha ki yah Jo bhajan hai ya Geet hai jivan ke Guru Ji Ne diya tha Jo unhone hamare Sath share Kiya tha Please Read carefully and lave me your valuable comment!!!!

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