अटलता
![]() |
धरती अटल आकाश अटल पर मानव क्यों इतना भोला है |
अब मानव पर विश्वास रहा नहीं
भाईचारा शर्तों में किंतु रहा वही
यदि होता मानव चींटी सा…...
तब भी ना करता पूर्ण कर्तव्यों को
जाति धर्मो से लिंगो में बांट देता कर्मों को।
यदि होता मानव कुत्ते सा.........
तब भी ना करता सचेत वफादारों को,
घूस भ्रष्टाचारी खाकर पलने देता शैतानों को।
यदि होता मानव पत्थर सा.......
तब शिल्पकार सब मुक्त हुए,
क्योंकि छेनी की ठोकर से क्षणभंगुर में टूट गए।
Writing time-01-01-2021 friday
Written by
Gamer Sandesh

Comments